- शिया मुस्लिम समुदाय के पहले इमाम थे हजरत अली, हजरत मोहम्मद पैगंबर की बेटी फातिमा से हुई थी इनकी शादी
इस्लामी कैलेंडर के रज्जब माह की 13 तारीख को यानी 601 ई में हजरत अली का जन्म हुआ था। जो कि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार सोमवार 9 मार्च को यानी आज है। इनका असली नाम अली इब्ने अबी तालिब था। आज हजरत अली का जन्मदिन है। आज के दिन सभी मुसलमान एक-दूसरे को हजरत अली के जन्मदिन की बधाई देते हैं और उनके द्वारा कहे गए शांति संदेशों को याद करते हैं। हजरत अली लोगों को शांति और अमन का पैगाम दिया करते थे।
कौन थे हजरत अली
हजरत अली शिया मुस्लिम समुदाय के पहले इमाम थे। वहीं हजरत मोहम्मद पैगंबर के बाद सुन्नी मुसलमानों के चौथे खलीफा भी थे। इनका जन्म मक्का में हुआ था। हजरत अली के बेटे हुसैन ने कर्बला की लड़ाई में भूखे -प्यासे रहकर बताया कि जेहाद किसे कहते हैं। हजरत अली ने अमन और शान्ति का पैगाम दिया और बता दिया कि इस्लाम अहिंसा के पक्ष में नहीं है। उन्होंने कहा था कि इस्लाम इंसानियत का धर्म है। उन्होंने हमेशा राष्ट्रप्रेम और समाज से भेदभाव हटाने की कोशिश की। हजरत अली ने कहा था कि अपने शत्रु से भी प्रेम किया करो तो वह एक दिन तुम्हारा दोस्त बन जाएगा। उनका कहना था कि अत्याचार करने वाला, उसमें सहायता करने वाला और अत्याचार से ख़ुश होने वाला भी अत्याचारी ही है।
कातिल को नमाज के लिए उठाया था
आज से करीब 1360 साल पहले 660 ई. में रमजान महीने की 21 वीं तारीख को कूफे की मस्जिद में सुबह की नमाज के दौरान हजरत अली की हत्या की गई थी। उसके बावजूद उन्होंने अपने कातिल को माफ करने की बात कही। कहा जाता है कि हजरत अली अपने कातिल को जानते थे उसके बावजूद उन्होंने सुबह की नमाज के लिए उसे उठाया और नमाज में शामिल किया था।
हजरत अली के संदेश
1. सोच समझकर बोलें। बोलने से पहले शब्द आपके गुलाम होते हैं लेकिन बोलने के बाद आप लफ्जों के गुलाम बन जाते हैं।
2. भीख मांगने से बदतर कोई और चीज नहीं होती है।
3. अपनी सोच को पानी के बूंदो से भी ज्यादा साफ रखो। क्योंकि जिस तरह बूंदो से दरिया बनता है उसी तरह सोच से ईमान बनता है।
4. चुगली करना उसका काम होता है, जो अपने आपको बेहतर बनाने में असमर्थ होता है।
5. अपनी जुबान की हिफाजत इस तरह करो, जिस तरह तुम अपने माल की हिफाजत करते हो।
6. ज़िन्दगी में अगर बुरा वक्त नहीं आता तो, अपनों में छुपे गैर और…
गैरों में छुपे अपने कभी ज़ाहिर ना होते!
7. अच्छे लोगों का तुम्हारी ज़िन्दगी में आना तुम्हारी किस्मत होती है, और उन्हें संभाल के रखना तुम्हारा हुनर!
8. नेक लोगों की सोहबत से हमेशा भलाई ही मिलती है क्योंकि
हवा जब फूलों से गुज़रती है तो वो भी खुशबुदार हो जाती है ।
9. कम खाने में सेहत है
कम बोलने में समझदारी है
और कम सोने में इबादत है।
10. अगर दोस्त बनाना तुम्हारी कमज़ोरी है
तो तुम दुनिया के सबसे ताकतवर इंसान हो।
हज़रत अली बहुत ही उदार भाव रखने वाले व्यक्ति थे। अपने कार्यों, साहस, विश्वास और दृढ संकल्प होने के कारण मुस्लिम संस्कृति में हजरत अली को बहुत ही सम्मान के साथ जाना जाता है। मन जाता है इस्लाम के प्रति उनमें बहुत ही ज्यादा प्रेम था और इस्लाम के विषय में उनको बहुत ज्ञान भी था। अपने पुरे जीवन काल में वो इस्लामी लोगों के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत बने और इस्लाम धर्म के इतिहास में उनका नाम आज भी बहुत ही माना और याद किया जाता है।