थोड़ी देर के लिए अपनी कल्पनाशक्ति को मजबूत करो. जो बता रहे हैं वो सोचो. सोचो कि तुम एक ऐसे टाइम में हो जब टीवी, अखबार, रेडियो, गाड़ियां, फोन ये सब कुछ नहीं है. आप सालों से देखते आ रहे हैं कि सूरज पूरब की ओर सुबह उगता है और शाम को पश्चिम में अस्त हो जाता है. एक दिन आप अपने खेत में फावड़ा लिए जुटे हैं. धीरे धीरे अंधेरा छाता है. आप नजर उठाकर देखते हैं तो सूरज के ऊपर कोई और गोला आ गया है और धरती पर अंधेरा हो गया है. आपने ये पहले कभी नहीं देखा इसलिए डर जाते हैं. ऐसे में आपको कोई उसके बारे में कुछ भी बताए, आप उसे मानने पर मजबूर हो जाते हैं. अगर अपनी अक्ल का इस्तेमाल न करें तो आपकी पीढ़ियां भी यही मानती जाएंगी.
साइंस और साइंटिस्ट चाहे जित्ते प्रयोग कर ले. नासा वाले चाहे जित्ते वीडियो दिखा लें. रिलायंस जियो चाहे जित्ता डेटा दे दे कि वीडियोज देखकर सच जान लो. लेकिन हमारे दिमागों में जो सदियों तक सूर्यग्रहण को लेकर डर भरा गया है वो आसानी से नहीं निकलता. ये डर सिर्फ भारत में नहीं है, दुनिया के हर कोने में है. हालांकि 8वीं सदी में ही वैज्ञानिकों ने इसके पीछे के राज खोल लिए थे लेकिन तब सूचनाएं फैलाने के इतने साधन नहीं थे. इसलिए डर हर जगह बना रहा. अलग अलग देशों में अलग अलग डर हैं. कहीं कहा जाता है कि ड्रैगन ने सूरज को निगल लिया. कहीं बोलते हैं कि भेड़िया खा गया. कहीं कहा जाता है कि सूरज और चंदा की भयानक लड़ाई हो गई. अमेरिका में आदिवासी लोग मानते थे कि सूर्य-चंद्रमा, गर्लफ्रेंड-बॉयफ्रेंड हैं इसलिए जमीन पर रहने वालों से छिपकर रासलीला करते हैं.
हमारे यहां राहु केतु वाली थ्योरी है. कि ये राक्षस कभी सूरज को खा लेते हैं कभी चांद को निगल लेते हैं. सूर्यग्रहण से जुड़े जो झूठ हैं इनको जान लीजिए और डरना बंद कीजिए.
इस डर से बचने के लिए औरतों को ग्रहण के समय घर में बंद रहने की सलाह दी जाती है. यहां तक कि गाय और भैंसों के भी पेट पर गोबर से गोल गोल डिजाइन बना दी जाती है. ताकि ग्रहण का असर उन पर न पड़े नहीं तो बच्चा अपंग पैदा होगा. प्रेगनेंट महिलाओं के कैंची, चाकू वगैरह यूज करने पर भी रोक होती है.

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2. भगवान की मूर्ति देखने से पाप लगेगा:

कहते हैं कि जित्ती देर ग्रहण पड़े उतनी देर भगवान की मूर्ति नहीं देखनी चाहिए. क्योंकि वो दर्द से कराह रहे होते हैं. उस हालत में देखोगे तो वो नाराज हो जाएंगे. बस आंख मूंद कर मंतर का जाप करते जाना है. भैया वो सर्वशक्तिमान हैं, तुम्हारे कुछ देख लेने से उनको कुछ नहीं होगा.

3. रसोई को खतरा:

कहा जाता है कि ग्रहण का असर आपके किचन पर भी पड़ता है. जहां अनाज वगैरह स्टोर करके रखा जाता है उस पर भी इसका बुरा असर पड़ता है इसलिए किचन के दरवाजे पर गोबर या गेरू लगा देना चाहिए. हालांकि मॉड्यूलर किचन बनवाने वाले अपने किचन की छीछालेदर नहीं करते फिर भी देहात में ये डर देखा जाता है. ये जरूर होता रहा होगा कि आप ग्रहण देखने के लिए बाहर बैठे हों और अंदर से चोर माल पार कर जाएं इसके लिए ये व्यवस्था बनाई गई हो. लेकिन गोबर या गेरू चोर को रोक पाएगा, इसके चांसेज कम हैं.

4. चूल्हा नहीं जलाना:

कहते हैं कि जिस वक्त ग्रहण पड़ रहा हो उस वक्त खाना वाना नहीं बनाना चाहिए. नहीं तो वो जहर हो जाता है. एक बार बनाकर और खाकर रिस्क ले लो, अपने आप सच का पता चल जाएगा.

5. घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए:

ऐसा भी कहा जाता है कि ग्रहण के दौरान घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. उसकी छाया से भी बचना चाहिए और देखने की कोशिश तो हरगिज नहीं करनी चाहिए. नहीं तो आंखों की रोशनी चली जाती है. अगर ये सच होता तो अमेरिका वाले सूर्यग्रहण देखने के लिए स्कूल और ऑफिसों से छुट्टी न ले लेते.

6. सोना नहीं चाहिए

कहा जाता है कि ग्रहण के टाइम सोना नहीं चाहिए. क्योंकि सोया तो चैन से जाता है. और जब सूर्य देवता तकलीफ में हों तो धरती पर रहने वालों को नींद कैसे आ सकती है. असल में कई बार तो ऐसा होता है कि ग्रहण हो जाता है और लोगों को पता ही नहीं चलता. सबकी लाइफ में ये कभी न कभी हुआ है लेकिन ग्रहण के टाइम सोने वाले के साथ कभी कुछ हुआ हो, ऐसा नहीं हुआ.

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